श्लोक - ६१७
अलक्ष्मी: स्ग्यामला ज्येष्ठा निवसेदलसाश्रिता ।
आलस्यवर्जिते पुंसि वर्तते पद्मसम्भवा ॥
Tamil Transliteration
Matiyulaal Maamukati Enpa Matiyilaan
Thaalulaan Thaamaraiyi Naal.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | प्रयत्नशीलत्वम् |