श्लोक - ५८
पातिव्रत्येनसहितां पतिशुश्रूषणे रताम् ।
गृहस्था गृहिणीं प्राप्य स्वर्गलोकं भजन्ति हे ॥
Tamil Transliteration
Petraar Perinperuvar Pentir Perunjirappup
Puththelir Vaazhum Ulaku.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | पत्नी |