श्लोक - ५७९
कृतापराधिनि जने दाक्षिण्यं सम्प्रदर्श्य च ।
तद्देषसहनं राज्ञां भवेत् स्वाभाविको गुण: ॥
Tamil Transliteration
Oruththaatrum Panpinaar Kannumkan Notip
Poruththaatrum Panpe Thalai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | दाक्षिण्यम् |