श्लोक - ५७६
स्थितेऽपि नेत्रे दाक्षिण्यगुणहीनो भवेद्यदि ।
अचञ्चलमहीरूढतरुरेव स मानव: ॥
Tamil Transliteration
Manno Tiyaindha Maraththanaiyar Kanno
Tiyaindhukan Notaa Thavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | दाक्षिण्यम् |