श्लोक - ५६७
कटुवाक्यमधर्मेण पालनं च महीभुजाम् ।
अरिविध्वंसनापेक्षिसत्त्वनिर्मूलहेतुकम् ॥
Tamil Transliteration
Katumozhiyum Kaiyikandha Thantamum Vendhan
Atumuran Theykkum Aram.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | निर्भयत्वन् |