श्लोक - ५६८
अनालोच्यैव सचिवै: कृते कार्ये च विघ्निते ।
य: कुप्येत् सचिवान् राजा क्षीयन्ते तस्य सम्पद: ॥
Tamil Transliteration
Inaththaatri Ennaadha Vendhan Sinaththaatrich
Cheerir Sirukum Thiru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | निर्भयत्वन् |