श्लोक - ५६३
अधर्मपालनाद्यस्य प्रजा: स्युर्भयाविह्वला: ।
अचिरादेव भूपाल: स लयं यास्यति ध्रुवम् ॥
Tamil Transliteration
Veruvandha Seydhozhukum Vengola Naayin
Oruvandham Ollaik Ketum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | निर्भयत्वन् |