श्लोक - ५४७
नीतिदण्डेन सकलं जगद्य: पाति पार्थिव: ।
स एव नीतिदण्डस्तं पालयेन्नात्र संशय: ॥
Tamil Transliteration
Iraikaakkum Vaiyakam Ellaam Avanai
Muraikaakkum Muttaach Cheyin.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | नीतिपरिपालनम् |