श्लोक - ५४२
लोके जीवगणा: सर्वे वर्तन्ते वृष्टिकांक्षुण: ।
देशे जनास्तथा राज्ञ: कांक्षन्ते नीतिपालनम् ॥
Tamil Transliteration
Vaanokki Vaazhum Ulakellaam Mannavan
Kol Nokki Vaazhung Kuti.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | नीतिपरिपालनम् |