श्लोक - ५३९
सन्तोषकाले गर्वेण कर्तव्यं यस्तु विस्मरेत् ।
स्मर्तव्यास्तेन विस्मृत्या पुरा नाशवशंगता: ॥
Tamil Transliteration
Ikazhchchiyin Kettaarai Ulluka Thaandham
Makizhchchiyin Maindhurum Pozhdhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | अविस्मरणम् |