श्लोक - ५४०
चिकीर्षितमविस्मृत्य जागरूकतयाऽनिशम् ।
तत्प्राप्त्यै यतमानेन वाञ्छितं साध्यते ध्रुवम् ॥
Tamil Transliteration
Ulliyadhu Eydhal Elidhuman Matrundhaan
Ulliyadhu Ullap Perin.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | अविस्मरणम् |