श्लोक - ५३३
पुरुषार्थचतुष्काप्त्यै यत्नमाचरतामपि ।
न ते सिध्यन्ति विस्मृत्या नेदं पार्थिवमात्रकम् ॥
Tamil Transliteration
Pochchaappaark Killai Pukazhmai Adhuulakaththu
Eppaalnoo Lorkkum Thunivu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | अविस्मरणम् |