श्लोक - ५१९

बन्धुवत् स्वीकृतं कार्यं कुर्वन्तं प्रेमपूर्वकम् ।
दूरीकरोति दुर्वाधात् यस्तु तं विसृजेद्रमा ॥
Tamil Transliteration
Vinaikkan Vinaiyutaiyaan Kenmaive Raaka
Ninaippaanai Neengum Thiru.
| Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
|---|---|
| Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
| chapter | विमृश्य कार्यकरणम |