श्लोक - ५०७
कृत्वा प्रत्ययमज्ञेषु तेषां कार्ये नियोजनात् ।
न केवलं कार्यहानिरज्ञतां विन्दते नृप: ॥
Tamil Transliteration
Kaadhanmai Kandhaa Arivariyaarth Therudhal
Pedhaimai Ellaan Tharum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | विभृश्यविश्वसनम् |