श्लोक - ४९४
ज्ञात्वा युक्तस्थलीं तत्न स्थित्वा समरकर्मणि ।
यो विशेद् भूपतिस्तस्य नष्टाशा: स्युर्विरोधिन: ॥
Tamil Transliteration
Enniyaar Ennam Izhappar Itanarindhu
Thunniyaar Thunnich Cheyin.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 50 |