श्लोक - ४८
कारयित्वा परैर्धर्मे धर्ममार्गाबलम्बिन: ।
जीवनं च गृगस्थस्य श्लाघ्यते यतिजीवनात् ॥
Tamil Transliteration
Aatrin Ozhukki Aranizhukkaa Ilvaazhkkai
Norpaarin Nonmai Utaiththu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | गार्हस्थ्यम् |