श्लोक - ४८८
नाशकाले समायाते रिपो: शीर्षमघ: पतेत् ।
तावता मौनमास्थेयं क्षमया जयकांक्षिणा ॥
Tamil Transliteration
Serunaraik Kaanin Sumakka Iruvarai
Kaanin Kizhakkaam Thalai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 49 |