श्लोक - ४८५
कृत्स्नस्य जगतो वाञ्छा यदि स्यात् किन्नु चिन्तया ।
युक्तकालं प्रतीक्षस्व निष्क्रियस्त्वं भज क्षमाम् ॥
Tamil Transliteration
Kaalam Karudhi Iruppar Kalangaadhu
Gnaalam Karudhu Pavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 49 |