श्लोक - ४८४
कृत्स्नामपि महीं भोक्तुं स शक्नोति महीतले ।
काले देशे च कर्माणि य: करोति समाहित: ॥
Tamil Transliteration
Gnaalam Karudhinung Kaikootung Kaalam
Karudhi Itaththaar Seyin.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 49 |