श्लोक - ४७०
निजस्थित्यनुरोधेन कुरु सर्वं विमृश्य च ।
न चेन्निन्देत् त्वां हि लोक: क्रियतां लोकसंग्रह: ॥
Tamil Transliteration
Ellaadha Ennich Cheyalventum Thammotu
Kollaadha Kollaadhu Ulaku.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 47 |