श्लोक - ४६८
बहूनां साह्यमाप्यापि स कार्यं न हि साधयेत् ।
उपायांश्चतुरो यस्तु न प्रयुङ्क्ते यथायथम् ॥
Tamil Transliteration
Aatrin Varundhaa Varuththam Palarnindru
Potrinum Poththup Patum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 47 |