श्लोक - ४२८
ये न बिभ्यति ते मूढा दुष्कृत्यात् पापभीतिदात् ।
भीरुता पापकृत्येषु धीमतां प्रकृतिर्भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Anjuva Thanjaamai Pedhaimai Anjuvadhu
Anjal Arivaar Thozhil.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 43 |