श्लोक - ४१६
कणशो वापि तत्त्वार्थ: श्रेतव्या: समये सति ।
असकृत् श्रवणात् तत्त्वं ज्ञातं सत् पूर्णतां व्रजेत् ॥
Tamil Transliteration
Enaiththaanum Nallavai Ketka Anaiththaanum
Aandra Perumai Tharum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 42 |