श्लोक - ४०८
पण्डिताश्रितदारिद्रयात् नितरां खेददायिनी ।
भवेन्मूढाश्रिता सम्पत् नात्र कार्या विचारणा ॥
Tamil Transliteration
Nallaarkan Patta Varumaiyin Innaadhe
Kallaarkan Patta Thiru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 41 |