श्लोक - ३८९
कठिनं चापि महतां वाक्यं पश्चाद्धितप्रदम् ।
श्रुत्वा य: सहते राजा तिष्ठेत्तस्य वशे मही ॥
Tamil Transliteration
Sevikaippach Chorporukkum Panputai Vendhan
Kavikaikkeezhth Thangum Ulaku.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 39 |