श्लोक - ३८८
धर्मनीत्यनुसारेण पालयन् सकला: प्रजा: ।
पार्थिव: श्लेघ्यते सर्वै: जगतां पतिरित्यसौ ॥
Tamil Transliteration
Muraiseydhu Kaappaatrum Mannavan Makkatku
Iraiyendru Vaikkap Patum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 39 |