श्लोक - ३८२
दातृत्वं ज्ञानसम्पत्ति: उत्साहो धीरता तथा ।
गुणैरेतैश्चतुर्भिर्यो नित्ययुक्त: स पार्थिव: ॥
Tamil Transliteration
Anjaamai Eekai Arivookkam Innaankum
Enjaamai Vendhark Kiyalpu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 39 |