श्लोक - ३८१
राज्यमन्त्रिसुहृत्सैन्यदुर्गकोशैश्च षड्विधै:।
अङ्ग: समन्वितो राजा राजसिंह इतीर्यते॥
Tamil Transliteration
Pataikuti Koozhamaichchu Natparan Aarum
Utaiyaan Arasarul Eru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 39 |