श्लोक - ३६
पश्चादिति भतिं त्यक्त्वा बाल्ये धर्मे वितन्वत: ।
स धर्मो मृत्युकाले ऽपि स्थित: साह्यकरो भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Andrarivaam Ennaadhu Aranjeyka Matradhu
Pondrungaal Pondraath Thunai.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 001 to 010 |
chapter | धर्मवैशिष्ट्यम् |