श्लोक - ३६९
दु:खेषु परमं दु:खमाशादु:खं विमुञ्चत:।
न परं ब्रह्मणो लोके, सुखमत्रापि शाश्वतम्॥
Tamil Transliteration
Inpam Itaiyaraa Theentum Avaavennum
Thunpaththul Thunpang Ketin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | निराशा |