श्लोक - ३५८
जन्मबाधाकराज्ञान मुक्तये मुक्तिदस्य तु।
ब्रह्मणो दर्शनं यत्तु तत्त्वज्ञानं तदुच्यते॥
Tamil Transliteration
Pirappennum Pedhaimai Neengach Chirappennum
Semporul Kaanpadhu Arivu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | तत्वज्ञानम् |