श्लोक - ३४५
संसारान्मुक्तिकामस्य देहो भवति भारद:।
तथा सत्यन्यदेहेन कुत: सम्बन्धकल्पनम्॥
Tamil Transliteration
Matrum Thotarppaatu Evankol Pirapparukkal
Utraarkku Utampum Mikai.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | सन्यास: |