श्लोक - ३४४
सर्वसङ्गपरित्यागात् सुलभं वर्धते तप:।
बन्धनाद्योग विभ्रष्टस्त्वज्ञानवशगो भवेत्॥
Tamil Transliteration
Iyalpaakum Nonpirkondru Inmai Utaimai
Mayalaakum Matrum Peyarththu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | सन्यास: |