श्लोक - ३३२
आयान्ति सम्पदो लोका इव नाटकमन्दिरम्।
निर्यान्ति सम्पदो लोका इवान्ते नाटकालयात्॥
Tamil Transliteration
Kooththaattu Avaik Kuzhaath Thatre Perunjelvam
Pokkum Adhuvilin Thatru.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | unknown 34 |