श्लोक - ३०९
क्रोधं यस्तु महाप्राज्ञो मनस: संनिधापयेत्।
वाञ्छिता: सम्पद: सर्वा: सद्य एवाप्नुवन्ति तम्॥
Tamil Transliteration
Ulliya Thellaam Utaneydhum Ullaththaal
Ullaan Vekuli Enin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | क्रोधविजय: |