श्लोक - ३०८
चण्डज्वालासमेताग्निदाहेन सदृशीं व्यथाम्।
कुर्वत्यपि नरे क्रोधो न कार्यो यदि शक्यते॥
Tamil Transliteration
Inareri Thoivanna Innaa Seyinum
Punarin Vekulaamai Nandru.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | क्रोधविजय: |