श्लोक - ३०६
आश्रयं नाशयेद्वह्नि: कोपाग्नि स्वाश्रितै: सह।
ज्ञानोपदेष्टन् दूरस्थान दहेन्नौकासमान् गुरून्॥
Tamil Transliteration
Sinamennum Serndhaaraik Kolli Inamennum
Emap Punaiyaich Chutum.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | क्रोधविजय: |