श्लोक - २८५
चौर्यमाचरितुं युक्तकालं यस्तु प्[रतीक्षते।
सर्व भूतदयायां स स्नेहयुक्तो न जायते॥
Tamil Transliteration
Arulkarudhi Anputaiya Raadhal Porulkarudhip
Pochchaappup Paarppaarkan Il.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | चौर्यनिषेध: |