श्लोक - २७९
काठिन्यमार्दवे बाणवीणरो: कर्मणा ग्रथा।
मुनावपि तथा ज्ञेयं न वेषस्तत्र कारणम्॥
Tamil Transliteration
Kanaikotidhu Yaazhkotu Sevvidhuaang Kanna
Vinaipatu Paalaal Kolal.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | दुराचार: |