श्लोक - २५१
पोषणार्थे स्वदेहस्य कृत्वा य: प्राणिहिंसनम्।
तन्मांसभक्षणपर: स दयावान् कथं भवेत्॥
Tamil Transliteration
Thannoon Perukkarkuth Thaanpiridhu Oonunpaan
Engnganam Aalum Arul?.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | मांसवर्जनम् |