श्लोक - २२०
लोकोपकारात् दारिद्र्यम् जायेतेति वदेत् यदि।
भप्यात्मविक्रयेणैतत् दारिद्र्यक्रयणं वरम्॥
Tamil Transliteration
Oppuravi Naalvarum Ketenin Aqdhoruvan
Vitrukkol Thakka Thutaiththu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | लोकोपकारिता |