श्लोक - २१६
फलभारनतो वृक्ष: प्राममध्यं गतो यथा।
लोकोपकारी वित्ताढयस्तथा स्यादुपकारक:॥
Tamil Transliteration
Payanmaram Ulloorp Pazhuththatraal Selvam
Nayanutai Yaankan Patin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | लोकोपकारिता |