श्लोक - २०५
'अहं दरिद्र' इत्युक्त्वा न कुर्यात्कर्म निन्दितम्।
न चेत् दरिद्र एव स्यात् भाविजन्मसु सप्तसु॥
Tamil Transliteration
Ilan Endru Theeyavai Seyyarka Seyyin
Ilanaakum Matrum Peyarththu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | दुष्कर्मभीति: |