श्लोक - २०३
तदात्मक्षेमजनकमुत्तमं ज्ञानमुच्यते।
दु:खानुत्पादबुद्धिर्या स्वापराधिजनेष्वपि॥
Tamil Transliteration
Arivinul Ellaan Thalaiyenpa Theeya
Seruvaarkkum Seyyaa Vital.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | दुष्कर्मभीति: |