श्लोक - १६९
असूयासहिते भाग्यं दारिद्र्यं सज्जनेष्वपि ।
यदि स्यात् कारणं तत्र कि स्यादिति विचार्यताम् ॥
Tamil Transliteration
Avviya Nenjaththaan Aakkamum Sevviyaan
Ketum Ninaikkap Patum.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | अनसूयता |