श्लोक - १६४
असूयया भवेद्दु:खमिति मत्वा मनीषिण: ।
अधर्मे नैव कुर्वन्ति ह्यसूयावशमागता: ॥
Tamil Transliteration
Azhukkaatrin Allavai Seyyaar Izhukkaatrin
Edham Patupaakku Arindhu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | अनसूयता |