श्लोक - १५
वर्षे त्ववर्षत् जगतीं नाशयित्वा कदाचन् ।
अथ स्वयमनावृष्टि बाधितामपि रक्षति ॥
Tamil Transliteration
Ketuppadhooum Kettaarkkuch Chaarvaaimar Raange
Etuppadhooum Ellaam Mazhai.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 001 to 010 |
chapter | वृष्टिमहिमा |