श्लोक - १३३०
विप्रलम्भात् कामभोग: सुख प्राप्नोति भूतले ।
ततो जाताच्च संश्लेषात् विप्रलम्भ: सुखं व्रजेत् ॥
Tamil Transliteration
Ootudhal Kaamaththirku Inpam Adharkinpam
Kooti Muyangap Perin.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | विप्रलम्भसुखम् |