श्लोक - १३२८
फालस्वेदकरं भोग कृत्वा या सुखमन्वभूत् ।
वियुज्यानया सुख तद्वत् किमह प्राप्नुयां पुन: ॥
Tamil Transliteration
Ootip Perukuvam Kollo Nudhalveyarppak
Kootalil Thondriya Uppu.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | विप्रलम्भसुखम् |