श्लोक - १३०८
अस्मत्कृते प्रिय: खिद्येदिति मत्वापि या प्रिया ।
न खिद्येत्तादृशस्त्रीणां निन्दया किं प्रयोजनम् ॥
Tamil Transliteration
Nodhal Evanmatru Nondhaarendru Aqdhariyum
Kaadhalar Illaa Vazhi.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | विप्रलम्भ: |